मंगलवार, 29 सितंबर 2015

क्या है नियाग्रा शहर में जलप्रपात के आलावा ? Attractions of Niagara apart from fall !

अगर आपको ये लग रहा हो कि नियाग्रा शहर में वहाँ के जलप्रपात और नदी के आलावा कुछ है ही नहीं तो आज मैं आप का भ्रम दूर किए देता हूँ। वास्तविकता ये है कि इस छोटे से शहर  में जलप्रपात को करीब से देखने के आलावा कई अन्य आकर्षण भी हैं जो पूरे परिवार और विशेषकर बच्चों को खासतौर पर रुचिकर लगें। वैसे भी अगर आप यहाँ रुकेंगे तो कुछ तो चाहिए ना अपनी शामों व रातों को  रोमांचक और रंगीन बनाने के लिए! हालांकि नियाग्रा की इस पाँच दिवसीय यात्रा में हमने अपने  खाली समय का ज्यादा हिस्सा  जलप्रपात और नदी के उत्तरी और दक्षिणी किनारों की सैर करने में बिताया पर साथ साथ बचे खुचे समय में यहाँ के बाकी आकर्षणों की टोह भी लेते रहे।

बचपन से हमारे यहाँ हिंदी अख़बार के साथ Times of India भी आया करता था। उन दिनों अखबार पढ़ते वक़्त मैं तो बस पहले पेज के बाद सीधे खेल पृष्ठ पर जाता था जहाँ  कार्टून भी आते थे। पर उन कार्टूनों में फैंटम के आलावा किसी और चरित्र से तारतम्य मिलाना मुश्किल होता था। अख़बार के उन्हीं पन्नों में पहली बार Ripley's Believe It or Not का जिक्र देखा। उसके बाद टीवी पर इससे जुड़ा शो भी दिखा, पर जब मुझे पता चला कि  नियाग्रा के क्लिफ्टन हिल पर इसका अपना संग्रहालय है तो सुबह की सैर में एक दिन हम इसे देखने पहुँच गए ।

Ripley's Believe It or Not  Museum, Niagara Falls
इस संग्रहालय को यहाँ बने पचास साल से अधिक हो चुके हैं । सप्ताहांत को छोड़ ये सुबह दस से रात ग्यारह बजे तक खुला रहता है। मगर इसमें प्रवेश के लिए व्यस्कों को नौ सौ रुपये की मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। वैसे तो समयाभाव की वज़ह से मैं इसमें जा नहीं पाया पर ये विचार जरूर मन में आया कि जब संग्रहालय की इमारत ही इतनी अजूबा है  तो अंदर रखे शिल्प भी  मजेदार ही होंगे।

Clock Tower, Niagara Falls
अमेरिकी परिपेक्ष्य में देखें तो आप पाएँगे कि उनकी संस्कृति में मनोरंजन के कुछ जाने पहचाने आयाम हैं जो धीरे धीरे सारे विश्व में फैल चुके हैं। 4D थियेटर , डरावने चरित्रों से भरे तथाकथित मनोरंजन गृह, बॉलिंग एलेज़, एम्यूजमेंट पार्क, स्काई व्हील, गोल्फ कोर्स समझिए दुनिया का हर बड़ा शहर इस संस्कृति को अपना चुका है या अपनाने की प्रक्रिया में है। रही कनाडा और वो भी नियाग्रा की बात तो वो तो बिल्कुल सटा ही हुआ है अमेरिका से तो उससे अछूता कैसे रह पाएगा? क्लिफ्टन हिल के आस पास के इलाक़े ऐसी ही जगहों से अटे  पड़े हैं। एक नज़र आप भी डालिये। .:)


रविवार, 20 सितंबर 2015

नियाग्रा का विशाल भँवरः जो समेटे है अपने अंदर प्रेम और त्याग की उस अमर कहानी को ! A journey from Niagara Whirlpool to Niagara on the Lake!

नियाग्रा  के पहले बहती नदी और फिर बनते जलप्रपात को तो आपने इस श्रंखला की पिछली कड़ी में तो देख लिया। आज चलिए जलप्रपात से आगे नियाग्रा नदी के मुहाने तक जहाँ ये ओंटेरियो झील से मिलती है। जिस छोटे शहर के पास ये मिलन होता है उसका नाम है नियाग्रा-आन-दि-लेक (Niagara-on-the-Lake)। पर इससे पहले कि इस तीस किमी लंबे सफ़र पर आपको ले चलूँ आपके एक सवाल का जवाब बताता चलूँ। पिछले आलेख में आपकी ओर से एक प्रश्न आया था कि आख़िर नियाग्रा नदी में इतना पानी आता कहाँ से हैं और अपनी गंगा ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों की तरह क्या ये भी उतनी ही विशाल है? सच पूछिए तो हमारी इन नदियों से नियाग्रा नदी की तुलना हो ही नहीं सकती।  पूछिए क्यूँ?
A beautiful Cherry Blossom tree on in Niagara on the Lake

नियाग्रा नदी की लंबाई मात्र 56 किमी है और हमारी नदियों की तरह इसका उद्गम स्थल कोई पर्वत श्रंखला नहीं है। जैसा आप नीचे के मानचित्र में देख सकते हैं कि ये नदी एक झील एरी (Lake Erie) से निकलती है और दूसरी झील ओंटोरियो में आकर अपना पानी छोड़ देती है। दोनों झीलों की ऊँचाई में अंतर सौ मीटर का है और इसी ढलान की वज़ह से इस नदी में पानी जाड़ों को छोड़कर साल भर उफनता रहता है। जाड़ों में नियाग्रा के जलप्रपात से गिरता पानी जम जाता है और वो मंज़र भी देखने लायक होता है।

Trajectory of River Niagara

अपने नियाग्रा प्रवास के तीसरे दिन हम शाम को अपने मेज़बान के साथ जलप्रपात से आगे नदी के मुहाने तक के सफ़र पर निकल पड़े। रेनबो ब्रिज से आगे बढ़ने पर नदी एक जगह तेज घुमाव लेती है जिससे एक भयंकर भँवर (Whirlpool) का निर्माण होता है। ये भँवर व्यक्ति को इतनी गहराई तक ले जाता है कि इसमें फँसने के बाद निकल पाना मुश्किल है। इस भँवर के ठीक पहले एक और पुल आता है जिसे व्हर्लपूल रैपिड्स ब्रिज (Whirlpool Rapids Bridge ) का नाम दिया गया है। वहाँ के लोगों ने इन दोनों पुलों के बीच  सौ साल पहले हुई एक ऐसी घटना का जिक्र किया जिसे बताए बिना आप इस भँवर की भयावहता का अंदाजा नहीं लगा सकते। लोगों द्वारा बताई बातों और नियाग्रा के आधिकारिक जालपृष्ठों से जब इस कहानी के सारे सिरों को एक साथ जोड़ने की कोशिश की तो मन बेहद अनमना हो गया। ये कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं है। सच तो ये है कि इसके किरदारों ने जिस प्रेम, कर्तव्यनिष्ठा और त्याग का परिचय दिया वो ना केवल मानव मात्र के प्रति गर्व का अनुभव कराता है पर साथ ही आँखों की कोरों को गीला भी  कर देता है।

ये बात सन 1912 के जाड़ों की है। जाड़ों में  नियाग्रा के आस पास के इलाकों का तापमान  शून्य से नीचे चला जाता है। नतीजन इस नदी पर बर्फ के प्राकृतिक पुल बन जाते हैं जिस पर सैलानी घूमते फिरते और मस्ती करते हैं। उस साल फरवरी के महीने में ऐसा ही एक पुल नियाग्रा नदी पर बन गया था। ये पुल पिछले कुछ दिनों से नियाग्रा नदी द्वारा लाई बर्फ से साठ से अस्सी फीट चौड़ा होकर अपने किनारों से मजबूती से जुड़ चुका था। दो हफ्तों से पर्यटकों की भारी भीड़ इस पुल पर आ जा रही थी। पर चार फरवरी का वो दिन अपने गर्भ में इस अनहोनी को छुपाए बैठा है ये किसे पता था? 

शनिवार, 12 सितंबर 2015

क्या नियाग्रा जलप्रपात से गिर कर बच सका है कोई ? Can someone survive a fall from Niagara !

नियाग्रा जलप्रपात से जुड़ी पिछली कड़ी में आपसे वादा किया था कि आपको जलप्रपात के उस हिस्से में ले चलूँगा जहाँ बस कुछ हाथों की दूरी से नियाग्रा नदी की प्रचंड धारा भयंकर गर्जन के साथ सत्तर मीटर नीचे गिरती है यानि मौत और आपके बीच का फासला बस कुछ मीटर का होता है। मनुष्य सदा से रोमांच प्रेमी रहा है और उसकी इसी फितरत ने उसे ऐसे हैरतअंगेज करतब करने को प्रेरित किया है जिसकी आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते। 

नियाग्रा फॉल के पास ही एक म्यूजियम भी है जहाँ इस  बात की  जानकारी दी जाती है कि किस तरह जलप्रपात पर विजय पाने की कोशिश में या फिर अप्रत्याशित हादसों में लोगों को यहाँ अपनी जान गवानी पड़ी । नियाग्रा जलप्रपात से जुड़े वाकये मानव की असंभव को संभव करने की प्रवृति पर अचंभित भी करते हैं तो कुछ प्रसंग प्रकृति के रौद्र रूप के आगे लाचार मनुष्य के दुखद अंत से आँखों को नम कर देते हैं। आज इन्हीं अमर कहानियों में से कुछ की दास्तान सुनाते हुए आपको ले चलूँगा जलप्रपात के मुहाने तक के सफ़र में।
Skylon Tower से हार्स शू फॉल और नियाग्रा नदी का नज़ारा

ऊपर के चित्र  में आप देख सकते हैं कि  नियाग्रा नदी किस तरह भँवरों के बीच बहती नीचे जलप्रपात तक आती  है। नदी के उस इलाक़े तक पहुँचने के लिए हमने होटल से दूसरी राह पकड़ी और  नदी के ऊपरी हिस्से की ओर चलकर दो  किमी की दूरी तक जा पहुँचे  । 

उबड़ खाबड़ राह पर चलने की वजह से नदी के प्रवाह में गजब की तेजी आ गयी थी। जहाँ जहाँ पानी पत्थरों से टकराता हुए ढलान की और बहता वहां लहरें  सफ़ेद फेन  का मुखौटा अपने चेहरे पे लगा लेतीं । इसी जगह के आस पास आज से बारह साल पहले यानि वर्ष 2003 में तीस वर्षीय कनाडियन नवयुवक किर्क जोन्स ने नियाग्रा नदी  में छलाँग लगा दी थी। किर्क उस समय अवसादग्रस्त था। वो अपने दोस्तों से नियाग्रा के झरने से कूदने की बातें किया करता था। उसे लगा कि ऐसा करने से वो प्रसिद्धि और धन कमा लेगा और अगर असफल हुआ तो उसे इस बेकार ज़िदगी से छुटकारा मिल जाएगा। जोन्स जब गिरा तो प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा कि वो सर पर हाथ रखे हुए पानी की लहरों के साथ उलटता पलटता नीचे गिर रहा है । पानी की विशाल चादर ने जोन्स के  चट्टान से  टकराने के पहले एक मुलायम गद्दे जैसा काम किया और फिर जलधारा के जोर से वो करीब की चट्टान तक पहुँच गया। इस तरह बिना किसी सुरक्षा कवच के  नियाग्रा जलप्रपात से कूदने वाला किर्क जोन्स दुनिया का पहला जिंदा आदमी बन गया। भगवान के दिए हुए मौके ने उसमें ज़िदगी जीने की नई आशा का संचार कर दिया और आज वो सामान्य ज़िन्दगी व्यतीत कर रहा है।

रविवार, 6 सितंबर 2015

देखिए सुबह की इस सैर में नियाग्रा जलप्रपात का अद्भुत सौंदर्य Let's go on a morning walk to Niagara Falls !

नियाग्रा के जलप्रपात से जुड़ी इस श्रंखला की पिछली कड़ी में आपने पढ़ा कि हम अपने समूह के साथ कैसे पहुँचे नई दिल्ली से नियाग्रा जलप्रपात तक और रात में नियाग्रा का जलप्रपात और आसमान में हुई आतिशबाजी हमें अपने कितने मनोहारी रूप दिखा गई। पर जैसे ही रात बीती अगली सुबह मैं और मेरे मित्र फिर तैयार थे नियाग्रा जलप्रपात का सुबह का रूप देखने के लिए। उत्साह का आलम ये था कि नई दिल्ली और नियाग्रा के बीच साढ़े नौ घंटे के समय का अंतर jet lag के रूप में हमें छू भी नहीं सका था। 

सुबह छः बजते बजते हम बाहर निकलने के लिए तैयार थे। कमरे के बाहर से दिखते कैसीनो की ऊँची इमारत की बगल से सूर्य देव भी पूरी गोलाई के साथ दर्शन दे चुके थे।
Early morning at Niagara Falls  कैसीनो के ऊपर से अपनी झलक दिखलाते सूर्य देव
सूर्य किरणें नियाग्रा शहर पर धीरे धीरे ही फैल रही थीं।नियाग्रा फॉल्स वैसे ही एक शांत  शहर है। शहर के केंद्र में होने के बावज़ूद सड़क पर चहल पहल ना के बराबर थी। हमारे होटल के आस पास के इलाकों में ज्यादातर होटल व रेस्टॉरेंट  थे। रेस्टॉरेंट के खुलने का तो सवाल ही नहीं था। हाँ इक्का दुक्का गाड़ियाँ जरूर बीच बीच में ये अहसास दिला जाती थीं कि कुछ लोगों के लिए ही सही, भोर हो गई है।

Morning view : City of Niagara Falls

बुधवार, 2 सितंबर 2015

टोरंटो से नियाग्रा : कैसा दिखता है रात में नियाग्रा का जलप्रपात ? Toronto to Niagara : Night View of Niagara Falls !

पिछले साल की बात है। मई का महीना था। एक शादी में शिरक़त करने दिल्ली जा रहा था। अभी मुगलसराय स्टेशन पार भी नहीं किया था कि ख़बर आई कि अगले हफ्ते कार्यालय के काम से मुझे कनाडा के नियाग्रा शहर में जाना है। कनाडा की यात्रा की संभावना तो कई महीनों से सर पर थी पर ये पता नहीं चल रहा था की आखिर जाना कब है? सो बड़े बेमन से शादी के कपड़ों के साथ हल्के फुल्के गर्म कपड़े रख लिए थे। मई  में दिल्ली की गर्मी सुनकर स्वेटर पर हाथ धरने का भी मन कैसे करता? बहरहाल शादी के साथ साथ मित्रों की मदद से जल्दी जल्दी में वीसा का आवेदन करवाया। यात्रा के ठीक एक दिन पहले शाम छः बजे वीसा मिला और समझिए हम लोग भागते दौड़ते जेट एयरवेज के जहाज पर मई  के आखिरी हफ्ते में दिल्ली से टोरंटों की ओर रवाना हो गए।

Glimpse of Niagara...पेड़ों के झुरमुट से गरजता नियाग्रा का विशाल जलप्रपात